कबीर ने "गुंडा " शब्द का प्रयोग किया ? नहीं।
सूरदास ने " गुंडा " शब्द का प्रयोग किया ? नहीं।
तुलसी ने " गुंडा " शब्द का प्रयोग किया ? नहीं।
जायसी , बिहारी , मतिराम , चिंतामणि किसी ने " गुंडा " शब्द का प्रयोग किया ? नहीं।
छोड़िए, आधुनिक काल में भारतेंदु ने " गुंडा " शब्द का प्रयोग किया ? नहीं।
बदमाश के अर्थ में " गुंडा " शब्द था ही नहीं तो वे लोग करते कैसे?
20 वीं शताब्दी से पहले दुनिया में किसी ने भी बदमाश के अर्थ में " गुंडा " शब्द का प्रयोग नहीं किया।
हिंदी में " गुंडा " शब्द अंग्रेजों की फाइल से आया है, तब जब 20 वीं शताब्दी के पहले दशक में बस्तर के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी वीर गुंडा को अंग्रेजों ने गुंडा ( बदमाश ) मान लिया।
भारतीयों की नजर में वीर गुंडा स्वतंत्रता सेनानी थे, मगर अंग्रेजों की नजर में बिगड़ैल, बदमाश।
अंग्रेजों ने गुंडा एक्ट बनाया सो तो ठीक है, मगर आजाद भारत में गुंडा एक्ट क्यों ? जिसने देश को आजाद कराया , वहीं गुंडा !
साभार राजेंद्र प्रसाद सिंह।