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जब भी आदिवासियों की बात आती है, तो हमें झारखंड, ओडिशा और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों की याद आती है। लेकिन हम भूल जाते हैं कि भारत का एक ऐसा हिस्सा भी है जहां ज्यादातर आबादी आदिवासी ही है।
नॉर्थईस्ट के सभी राज्य भारत का ही हिस्सा हैं, पर लोगों ने कभी उसे अपना माना ही नहीं। न ही मेन स्ट्रीम मीडिया ने उनकी दिक्कतों पर गौर फ़रमाया।
सखुआ की टीम की कोशिश है कि भारत में रह रहे सभी आदिवासियों की और उस समाज में रहने वाली महिलाओं की परेशानियां लोगों के सामने आए।
इसलिए 20 सितंबर, रविवार के दिन। रात 7 बजे, सखुआ के फेसबक पेज पर।
sanjay murmu
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