दिन दुखी है रूखी सुखी हैं
चास* करना है , बारो* मासिया* करना है |बारो* 12 मासिया* महीना |
अब तो आसमान से बरसात भी नहीं हो रही
न ही आकाल और न ही सुकाल कुछ भी नहीं लगता |
प्रिय ! वह देखो धीरी घुटु कोचा भीढ़ * |धीरी घुटु कोचा भीढ़- खेत में काम करने की जगह |
बाबा ने हमें 6 बीघा 10 कट्ठा जमीं दी थी
और दादा के बटवारें में मुझे 3 बिघा 5 कट्ठा मिला |
प्रिय ! इस धूप में तुम्हारी हंसी बिलकुल बिली हुडु गेले * जैसी हैं |बिली हुडु गेले- पकी हुई धान |
तुम्हारे बाल तिरि सीरी - बिधि गाछी*जैसी जैसी हैं |तिरि सीरी - बिधि गाछी- एक प्रकार की धान|
प्रिय ! काटकोम रीद* तुम्हारी टोकरी और खाना मेरे लिए पोटली में हैं , | काटकोम रीद- केकड़े की पीसी हुई चटनी |
और प्यास लगे तो पानी कांसे के दासना * में है | | दासना - लोटा |
ऐ गो ! अब तो तुम ही हरियाली हो
हुडु सहरिया * हो | हुडु सहरिया- धान बढ़ाने वाली , लक्ष्मी|
हे प्रिय ! तम ही सुख देनेवाली
और तुम ही दुःख ओवरिया* हो | | दुःख ओवरिया- दुःख हरने वाली |
Priyanka Soren 4 yrs
Wow