फासीवाद पर बेहद प्रासंगिक कविताएं
गौहर रजा एक वैज्ञानिक एक शायर क साथ हिन्दुस्तान की धर्मनिरपेक्ष परम्पर?
जिन्होंने नफरत फैलाई, कत्ल किए
और खुद खत्म हो गए,
नफरत से याद किए जाते हैं।
जिन्होंने मुहब्बत का सबक दिया और कदम बढ़ाए,
वो जिंदा हैं,
मुहब्बत से याद किए जाते हैं।
जिन्होंने सही वक्त का इंतज़ार किया
और शक करते रहे,
वे आखिर तक हाथ पर हाथ धरे बैठे थे,
शक के कमजोर किलों में क़ातिलों का इंतज़ार
उनकी किस्मत बन गया।
रास्ते अलग-अलग और साफ हैं।
तुम्हें चुनना होगा
नफरत, शक और मुहब्बत के बीच।
तुम्हारी आवाज़ बुलंद और साफ होनी चाहिए,
और कदम सही दिशा में।
गौहर रजा...
Kritika Mardi 4 yrs
Nice ❤️